गंगा दशहरा पर उज्जैन में सिंहस्थ जैसी छटा, गंगा दशहरा पर उज्जैन में निकली पेशवाई; साधुओं की डुबकी से गूंज उठा ‘हर हर गंगे’!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

गुरुवार को गंगा दशहरा के पावन पर्व पर धर्मनगरी उज्जैन में आस्था और परंपरा का अनूठा संगम देखने को मिला। पुरातन नगरी की सड़कों पर सिंहस्थ जैसा दृश्य उपस्थित हो गया जब नागा साधुओं की भव्य पेशवाई निकली। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तत्वावधान में निकली इस पेशवाई में संतों और नागा साधुओं ने पूरे शाही लवाजमे के साथ नगर भ्रमण किया। घोड़े, रथ, ढोल, बैंड, कड़ाबिन और हाथों में अपने-अपने देवताओं की मूर्तियों को लेकर निकले संतों ने श्रद्धालुओं को भक्ति और आस्था से सराबोर कर दिया।

यह पेशवाई नीलगंगा स्थित सिंहस्थ पड़ाव स्थल से शुरू हुई और वहां से आगे बढ़ते हुए मां नीलगंगा सरोवर तक पहुंची, जहां संतों ने परंपरा अनुसार पवित्र स्नान किया। गंगा दशहरा के अवसर पर मां नीलगंगा की आरती हुई और श्रद्धा के साथ संतों ने डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त किया। नागा साधुओं के स्नान और आरती के साथ वातावरण पूरी तरह भक्ति में डूब गया। संतों और श्रद्धालुओं द्वारा ‘हर हर गंगे’, ‘जय नीलगंगा माता’ के जयकारों से सम्पूर्ण परिसर गुंजायमान हो उठा।

इस ऐतिहासिक आयोजन की जानकारी देते हुए अखाड़े के स्थानीय प्रबंधक डॉ. गोविंद सोलंकी और डॉ. राहुल कटारिया ने बताया कि गंगा दशहरा के मौके पर नीलगंगा सरोवर पर मां गंगा की महाआरती के साथ श्रद्धालुओं के लिए सवा क्विंटल हलवे का भोग अर्पित किया गया। शाम को विशेष श्रृंगार के साथ मां नीलगंगा की पुनः आरती की जाएगी। इसके बाद वेणु नाद नृत्य अकादमी की बालिकाएं गंगा स्तुति की भावविभोर प्रस्तुति देंगी। श्रद्धालुओं के लिए शिवांजलि गार्डन में विशाल भंडारे का भी आयोजन होगा, जिसमें सैकड़ों भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है।

इस धार्मिक अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने बताया कि कार्यक्रम में परिषद के अध्यक्ष, निरंजनी अखाड़ा के सचिव पूज्य रवींद्र पुरी महाराज, जगतगुरु स्वामी वीरभद्र नंदगिरि महाराज, महामंडलेश्वर कपिल पुरी महाराज, श्रद्धा गिरि माताजी, चेतना गिरि माताजी, स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरि महाराज, स्वामी भगवतानंद गिरि महाराज और स्वामी शैलेशानंद गिरि महाराज समेत जूना अखाड़े के वरिष्ठ पदाधिकारी और अनेक नागा साधु शामिल हुए।

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